भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था में शूक्ष्म एवं लघु उधोगों की भूमिका सराहनीय है, जो विकासशील भारत से विकसित भारत बनाने में तत्पर एवं ग्रामीण भारत की रीढ़ कहे जाने वाले ये उधोग विभिन्न स्रोतों में विधमान जिनको आज सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उधोग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रशिक्षित उधमशीलता को बढ़ावा देकर विकसित किया जा रहा है। जो गांवों में प्रत्येक स्तर पर ग्रामीण उधमशीलता को बढ़ावा दे रहा है एवं ग्रामीण अर्थव्यस्था को सुदृढ़ करने मेें अग्रसर हैं। इस शोध पत्र में सूक्ष्म एवं लघु उधोगों मंंें उधमशीलता का अन्वेषणात्मक अध्ययन करना है। लघु एवं सूक्ष्म उधोगों में उधमशीलता के विभिन्न पहलुओं को शोध पत्र में दर्शया गया है।
© 2001-2025 Fundación Dialnet · Todos los derechos reservados